अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने गुरु नानक देव की 552वीं जयंती पर सिख समुदाय को हार्दिक शुभकामनाएं दी हैं. उन्होंने कहा कि गुरु नानक के दूरदर्शी “समानता, शांति और सेवा का संदेश आज भी उतना ही महत्वपूर्ण है जितना कि पांच सदियों पहले था”. बाइडेन ने गुरु नानक की सीख दोहराई जो बाइडेन ने शुक्रवार (स्थानीय समयानुसार) एक बयान में कहा कि गुरु नानक जी की दी हुई सीख सभी लोगों की गरिमा और समान अधिकारों, महिलाओं और लड़कियों के सशक्तिकरण, अंतरधार्मिक सहयोग और जरूरतमंदों की सहायता के लिए सेवा कार्यों पर जोर देती हैं.
“दुनियाभर में समुदायों को मजबूत कर रहे सिख” इसके साथ ही, जो बाइडेन से कहा कि “अपने विश्वास के इन और अन्य मूल मूल्यों को जीते हुए सिख समुदाय संयुक्त राज्य अमेरिका और दुनियाभर में समुदायों को मजबूत करना जारी रखते हैं.”
गुरु नानक जयंती को ”गुरुपुरब” भी कहते हैं बता दें कि गुरु नानक जयंती को ”गुरुपुरब” के नाम से भी जाना जाता है. यह सिख धर्म का सबसे महत्वपूर्ण त्योहार है. यह दिन श्री गुरु नानक देव के जन्म का प्रतीक है, जिन्होंने सिख धर्म की नींव रखी थी. गुरु नानक का जन्म 15 अप्रैल, 1469 को लाहौर के पास राय भोई की तलवंडी में हुआ था, जो आज के पाकिस्तान के सेखपुरा जिले में है.
अखंड पाठ और नगर कीर्तन होते हैं गुरु नानक जयंती उत्सव पूर्णिमा दिवस से दो दिन पहले शुरू हो जाता है जिसमें अखंड पाठ, नगर कीर्तन जैसे अनुष्ठान शामिल हैं. जयंती से दो दिन पहले गुरुद्वारों और घरों में अखंड पाठ किए जाते हैं. गुरुद्वारों को फूलों और रोशनी से सजाया जाता है. जयंती वाले दिन अमृत वेला में उत्सव शुरू होता है. भजनों के पाठ, कथा और कीर्तन होते हैं. लंगर का आयोजन किया जाता है. हिंदू कैलेंडर अनुसार, कार्तिक पूर्णिमा के दिन गुरु नानक जयंती मनाई जाती है.