जब तक विद्यार्थी स्कूल में उसकी सुरक्षा की जिम्मेदारी स्कूल की नही तो मान्यता हो सकती है रद्द
VM News desk Delhi :-
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने छात्रों की सुरक्षा को लेकर स्कूलों की जवाबदेही तय करने के लिए कुछ आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किये हैं। जारी दिशा-निर्देशों में केंद्र ने कहा कि बच्चों को सुरक्षित बुनियादी ढांचा प्रदान करें, समय पर चिकित्सा सहायता दें, छात्रों द्वारा दर्ज की गई शिकायत पर तुरंत कार्यवाही करे, उद्दंडता की रोकथाम होनी चाहिए, शारीरिक दंड में भेदभाव और मादक पदार्थों के सेवन पर रोक लगाई जाए और कोरोना के दिशा-निर्देशों का कड़ाई से पालन करे।
केंद्र सरकार ने कहा कि अगर केंद्र सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का पालन स्कूलों द्वारा नहीं किया गया तो उन पर भारी जुर्माने के साथ-साथ सरकार स्कूलों की मान्यता भी समाप्त की जा सकती है।
सुप्रीम कोर्ट ने लिया संज्ञान था
आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद एक विशेषज्ञ समिति द्वारा ‘स्कूल सुरक्षा और सुरक्षा पर दिशानिर्देश’ जारी किए गए हैं। सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को बच्चों की सुरक्षा के प्रति स्कूलों की जवाबदेही तय करने का फैसला एक पिता द्वारा पेश की गई याचिका के आधार पर सुनाया था, जिसके बच्चे को साल 2017 में गुड़गांव के एक अंतरराष्ट्रीय स्कूल में मार दिया गया था।
जब तक विद्यार्थी स्कूल में उसकी सुरक्षा की जिम्मेदारी स्कूल की
शिक्षा मंत्रालय के स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग द्वारा राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के साथ 1 अक्टूबर को जारी किए गए दिशा-निर्देशों में कहा गया है कि शाला प्रबंधन/प्रिंसिपल/शाला प्रमुख के पास स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी है। माता-पिता बच्चो की सुरक्षा की जिम्मेदारी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं कि क्या स्कूल अपनी जिम्मेदारी निभा रहा है। जारी दिशा-निर्देश में साफ कहा गया है कि जब तक बच्चा स्कूल में है उसकी पूरी जिम्मेदारी स्कूल की है और यदि शाला प्रबंधन अपनी जिम्मेदारी का ठीक से निर्वहन नहीं करते है तो यह किशोर न्याय अधिनियम, 2015 का उल्लंघन माना जाएगा।
स्कूल शिक्षा विभाग के मुताबिक नई गाइडलाइंस को वर्तमान गाइडलाइंस के साथ लागू किया जाएगा। केंद्र के स्कूल शिक्षा विभाग ने सभी राज्यों को यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं कि, गाइडलाइंस का ठीक तरह से पालन हो। स्कूलों को सुरक्षित बनाने के लिए पूरी योजना को ‘दृष्टि’ नाम दिया गया है जो सात बुनियादी चरणों – प्रसार, रोल-आउट, हस्तक्षेप, समर्थन, हैंडहोल्डिंग, ट्रैकिंग और प्रोत्साहन पर काम करेगी।