कोरोना वायरस से लड़ने में तुलसी का पौधा है रामबाण,जानिए कैसे बचाएगा कोरोना से हमें
वर्तमान मंथन : आज के ऑनलाइन सत्संग में बाबा जी ने सभी को कोरोना वायरस या उससे बचकर आए लोगों या फिर जिन्हे कोरोना नही हुआ है उन लोगों के लिए संदेश से सभी को अवगत कराया उन्होंने कहा कि ऐसे लोगों से प्रतिदिन फोन पर बातचीत करें उन्हें किसी भी प्रकार के नकारात्मक उर्जा से दूर रखें उन्हें हमेशा सकारात्मक सोच की ओर जाने के लिए कहें, किसी भी तरह का बुरा संदेश उन्हें नहीं देना है उन्हें बताएं कि वे घर में तुलसी का काढ़ा बनाकर ले, घर में घी का दीपक जलाएं घी का धूप दे, गूगल का धूप दे और अपने घर में कपूर की आरती करें हमारे घर की रसोई में ही बहुत से उपाय ऐसे हैं इनका उपयोग हम हमारे इलाज में कर सकते हैं प्रतिदिन गर्म पानी का सेवन करें, एवं गर्म पानी में नींबू ले, शंख बहुत ही शुद्धि कारक यंत्र है इसकी ध्वनि से नकारात्मक ऊर्जा तो दूर होती है साथ ही तन और मन दोनों ही पवित्र होता है प्रतिदिन शंख ध्वनि घंटी आदि का वादन भजन घर में होना चाहिए
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आज के ऑनलाइन सत्संग में पाठक परदेसी जी ने जिज्ञासा रखी की, प्रभु महा दानव रक्त बीज सँहारिणी महामाया कालरात्रि की महिमा पर प्रकाश डालने की कृपा हो, मां कालरात्रि का वर्णन करते हुए, बाबा जी ने बताया कि रक्तबीज एक ऐसा दानव था जिसकी एक बूंद से कई हजार दानव उत्पन्न हो जाते थे ऐसे में जहां ब्रह्मांड में हाहाकार मचा हुआ था और दानवी शक्ति महाशक्ति बन चुकी थी तो देवी देवताओं में बहुत अधिक ही भय होने लगा था, तब उनके आह्वान पर महाकालरात्रि माता का उद्गम हुआ, माथे पर त्रिनेत्र बाल बिखरे हुए,विकराल रूप लिए हुए महाकाली मुंड की माला पहने हुए
हाथ में खड्ग खप्पर धारी, उनकी जीभ लप-लपाती हुई मां कालरात्रि रक्तबीज का संहार करने प्रकट हुई और उसके हर खून की बूंद को अपने जीभ पर लेकर और खड़ग में लेकर के उसका संहार किया इस तरह से उन्होंने इस दानव से इस जगत को मुक्ति दिलाई
रोम साहू जी तुलसी के पौधे के महत्व को स्पष्ट करने की विनती बाबा जी से की बाबाजी में अद्वितीय अतुल्य तुलसी माता का वर्णन करते हुए बताया कि, वर्तमान में लोगों ने अपने घर में मित्र को ना रखते हुए शत्रुओं को रख लिया है और फिर हम कहते हैं कि बीमारी है कष्ट है महामारी है, तुलसी मानव के लिए सबसे अच्छा मित्र है प्रतिदिन आप काढे के रूप में ग्रहण कर सकते हैं इससे आप स्वास्थ्य तो प्राप्त करेंगे ही साथ ही रोग प्रतिरोधक क्षमता भी आपकी बढ़ेगी प्रतिदिन तुलसी माता का दर्शन करें उन में जल चढ़ाएं उनकी परिक्रमा करें इससे आपको प्राणवायु प्राप्त होगी, दैनिक पूजा पाठ में माता तुलसी की मंजरी को भगवान को चढ़ाये और उनका चरणामृत ग्रहण करें उनकी मंजरी तुलसी पत्ता को प्रसाद में ग्रहण करें ये स्वास्थ्य वर्धक जीवनदायिनी पवित्रता प्रदान करता है
बाबा जी के मधुर मधुर भजनों के साथ डुबोबत्ती यादव की रामचरितमानस की पंक्तियां, तनु साहू जी और शिवाली साहू जी के सुंदर सुंदर भजन, पुरुषोत्तम अग्रवाल जी के मां के हर रूप के भजन की प्रस्तुति पाठक परदेशी जी के अति मधुर भजन, भूषण साहू जी एवं उनके परिवार के द्वारा प्रतिदिन आरती और अपर्णा विश्वकर्मा के द्वारा अति मधुर भजनों से भरा हुआ हुआ आज इस तरह सत्संग संपन्न हुआ