धान खरीदी केंद्रों से अब तक 56 हजार 300 क्विंटल धान नहीं उठाया गया

जगदलपुर। बस्तर संभाग के 07 जिलों में से 04 जिले के धान खरीदी केंद्रों से 72 घंटे के भीतर धान के उठाव के नियम को दरकिनार कर धान खरीदी बंद हो जाने के महीनों बाद भी 56 हजार 300 च्ंिटल धान का उठाव नहीं हो पाया है। सर्वाधिक धान कांकेर जिले के उपार्जन केंद्रों में जाम बताया गया है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार 56 हजार 300 च्ंिटल धान जिले के उपार्जन केंद्रों में रखा हुआ है, जिसपर बारिश का संकट मंडरा रहा है। हालांकि प्रबंधन दलील दे रहा है कि इस स्टॉक को बारिश से कोई खतरा नहीं है, लेकिन तेज बारिश होती है या मानसूनी झड़ी लगती है तो दावे के साथ कुछ कहा नहीं जा सकता। ब्रांच मैनेजरों से डीसीसीबी ने फिजिकल वेरिफिकेशन करवाया है, जिसके बाद पता चला कि पिछले कुछ दिनों में हुई बारिश के कारण साढे 04 सौ च्ंिटल से अधिक धान पूरी तरह बर्बाद हो गया। प्रबंधन अब यह तर्क दे रहा है कि लैंप्सों की जिम्मेदारी होती है कि वे धान को केंद्रों में कैसे सुरक्षित रखा जाए, इसकी व्यवस्था करें।
जिला विपणन अधिकारी आरबी सिंह ने बताया कि बचा हुआ धान गोदामों में रखवाया गया है, इसके खराब या बर्बाद होने की संभावना नहीं है। इस बारे में राज्य शासन को पत्र लिखकर अवगत करवाया जा चुका है।

Leave a Comment