धार जिले के निसरपुर के समीप बाजरी खेड़ा में किसान किरण गिरी के होश उस समय उड़ गए, जब उन्हें पता चला कि जिसे वो बिल्ली का बच्चा समझकर घर लेकर आए हैं, वो एक खूंखार जानवर का बच्चा है। दरअसल किसान किरण गिरी अपने खेत गए हुए थे। वहां उन्हें बिल्ली के दो छोटे-छोटे बच्चे मिले।
किसान बिल्ली के बच्चे समझकर उन्हें घर ले आए। 3 दिन तक इन बच्चों की खातिरदारी की। उन्हें दूध पिलाया और नहलाया भी। 3 दिन बाद जब बच्चे दहाड़ने और गुर्राने लगे तो किसान को कुछ शक हुआ। किसान ने सोचा कि बिल्ले के बच्चे कैसे दहाड़ और गुर्रा सकते हैं। किसान किरण गिरी ने इसकी जानकारी अन्य लोगों को दी। बच्चे को देखने के बाद ग्रामीणों ने तेंदुए के शावक होने की आशंका जताई।
किसान इन बच्चों को लेकर निसरपुर चौकी पहुंचा। दोनों शावकों को वन विभाग की चौकी पर पदस्थ वनपाल को दिखाया। वन विभाग (Forest department) के अफसर इन शावकों को जंगली बिल्ली के बच्चे मान रहे हैं। यह सुनकर किसान के होश उड़ गए। किसान ने दोनों बच्चों को वन विभाग को सौंप दिया। वहीं जिला वन मंडल अधिकारी अक्षय राठौड़ ने कहा कि किसान को गन्ने के खेत से जंगली बिल्ली के बच्चे मिले हैं। इन्हें सुरक्षित गन्ने के खेत के आसपास ही छोड़ दिया जाएगा