राज्य सूचना आयोग ने 4 जन सूचना अधिकारियो पर लगाया 25-25 हजार का जुर्माना, सीईओ के विरूद्ध कड़ी कार्यवाही
राज्य सूचना आयोग ने 4 जन सूचना अधिकारियो पर लगाया 25-25 हजार का जुर्माना, सीईओ के विरूद्ध कड़ी कार्यवाही
VM News desk Durg :-
दुर्ग। छत्तीसगढ़ राज्य सूचना आयोग के मुख्य सूचना आयुक्त एम के राउत और राज्य सूचना आयुक्त धनवेन्द्र जायसवाल ने 4 जन सूचना अधिकारियो पर बड़ी कार्रवाई की अनुशंसा की है। सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 का अनुपालन नहीं करने एवम निर्धारित समय (30 दिन) पर आवेदक को जानकारी उपलब्ध नहीं कराने के मामले में 4 जनसूचना अधिकारियो पर 25-25 हजार रूपये जुर्माना लगाया है।
ग्राम पंचायत ठाकुरपाली
जिला जांजगीर- चाम्पा के जनपद पंचायत डभरा अंतर्गत ग्राम पंचायत ठाकुरपाली के सचिव व जन सूचना का अधिकारी यंशवंत श्रीवास से 15 जुलाई 2020 में आवेदन कर स्वच्छ भारत मिशन के तहत ग्राम पंचायत ठाकुरपाली में बनाये गये शौचालय निर्माण और व्यय राशि की जानकारी मांगी थी, लेकिन जन अधिकारी ठाकुरपाली ने नियत समय पर आवेदक को कोई जानकरी उपलबध नहीं कराई। जिससे व्यथित होकर आवेदक ने प्रथम अपील मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत डभरा 15 अगस्त 2020 को आवेदन किया। जिस पर प्रथम अपीलीय अधिकारी ने 7 सितम्बर 2020 को निर्णय दिया। जन सूचना अधिकारी ने प्रथम अपीलीय अधिकारी के आदेश का भी पालन नहीं किया गया और न ही निर्धारित समयसिमा में अपीलार्थी को कोई जानकारी प्रदान किया।प्रथम अपीलीय अधिकारी के निर्णय से असंतुष्ट होकर आवेदक ने राज्य सूचना आयोग में द्वितीय अपील पेश किया। जिसमे मुख्य सूचना आयुक्त एम के राउत के आयोग की सुनवाई में जनसूचना अधिकारी के उपस्थित नहीं हुआ। इस मामले को मुख्य सूचना आयुक्त ने गंभीरता से लिया और जवाब नहीं देने और 6 माह से अधिक समय तक आवेदक को जानकारी से वंचित रखने के मामले में तत्कालीन जनसूचना अधिकारी ग्राम पंचायत ठाकुरपाली विकासखण्ड डभरा को 25 हजार रूपए अर्थदण्ड लगाया। अर्थदंड की राशि को तत्काल जमा कर चालान की प्रति आयोग को भेजने के निर्देश दिए हैं।
ग्राम पंचायत बनारी
इसी प्रकार नीलेश कुमार साहू बीटीआई चौक नहर पुल के पास सिंचाई मार्ग जांजगीर ने ग्राम पंचायत बनारी ने सचिव ग्राम पंचायत (जनसूचना अधिकारी) बनारी जनपद पंचायत नवागढ़ जिला जांजगीर-चाम्पा को 10 जुलाई 2018 में आवेदन कर जीपीडीपी योजना के अन्तर्गत वर्ष 2016-17 में किये गये कार्य की प्रमाणित छायाप्रति की मांग किया। जानकारी प्राप्त नहीं होने के कारण आवेदक ने प्रथम अपीलीय अधिकारी मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत नवगढ़ को 24 अगस्त 2018 को आवेदन किया।
सचिव एवम वर्तमान जनसूचना अधिकारी बनारी ने बताया कि पूर्व जनसूचना अधिकारी ने उन्हें प्रभार नहीं दिया है, जिसके कारण जानकारी देने में विलंब हुआ। मुख्य सूचना आयुक्त श्री राउत ने आयोग की सुनवाई में कहा कि डेढ़ वर्ष के विलंब से आवेदक को जानकारी प्रदाय नहीं करना सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के प्रावधानों का स्पष्ट उल्लंघन है जो की अत्यंत आपत्तिजनक है। इस मामले को गंभीरता से लेते हुए सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 की धारा 20(2) के तहत तत्कालीन जनसूचना अधिकारी ग्राम पंचायत बनारी विकासखण्ड नवागढ़ को 25 हजार रूपए जुर्माना लगाते हुए जुर्माने की राशि को तत्काल जमा कर चालान की प्रति आयोग को प्रेषित करने निर्देश दिए हैं।
जनपद पंचायत करतला रायगढ़
इसी तरह सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत शरद देवांगन, श्रीराम कालोनी बेलादुला रायगढ़ ने मुख्य कार्यपालन अधिकारी एवम जनसूचना अधिकारी,जनपद पंचायत करतला को 22 जनवरी 2018 को प्रस्तुत आवेदन में लेखा संधारण अभिलेख एवं अन्य पंजियों के संधारित तथा अद्यतन होने के प्रमाणपत्रों की छायाप्रति की मांग की। आवेदक का वांछित जानकारी समय पर प्राप्त न होने पर प्रथम अपीलीय अधिकारी एवम मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत कोरबा, के पास 05 मार्च 2018 को प्रथम अपील प्रस्तुत किया।
प्रथम अपीलीय अधिकारी के निराकरण से क्षुब्ध होकर आवेदक ने राज्य सूचना आयोग में द्वितीय अपील पेश किया। एक अन्य प्रक्ररण में अपीलार्थी श्री शरद देवांगन, श्रीराम कालोनी बेलादुला रायगढ़ ने मुख्य कार्यपालन अधिकारी एवम जनसूचना अधिकारी जनपद पंचायत करतला से जिला कोरबा में पदस्थ सहायक शिक्षक (पंचायत), शिक्षक(पंचायत) तथा व्याख्याता (पंचायत), के सूची की सत्यापित छायाप्रति की मांग की। किन्तु वांछित जानकारी समय पर प्राप्त नहीं होने पर प्रथम अपीलीय अधिकारी को आवेदन किया। उन्होंने अपने निर्णय में कहा कि जानकारी कार्यालय में उपलब्ध नहीं है, इसलिए जानकारी दी जानी सभव नहीं है।
राज्य सूचना आयुक्त धनवेन्द्र जायसवाल ने आवेदनों का अवलोकन कर अधिनियम के तहत अपीलार्थी और जनसूचना अधिकारी के पक्ष को सुनने के बाद अपीलार्थी को समय सीमा में जानकारी नहीं प्रदाय करने एवं आयोग में कोई जबाब प्रस्तुत नहीं करने के साथ ही आयोग के पत्रों का कोई जवाब नहीं देने के मामले को गंभीरता से लेते हुए मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत करतला (तत्कालीन जनसूचना अधिकारी) जी के मिश्रा के विरूद्ध धारा 20 (1) के तहत 25-25 हजार रूपए अर्थदंड लगाया। साथ ही सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 की धारा 20 (2) के तहत कलेक्टर कोरबा और मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत कोरबा को निर्देशित किया गया है कि मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत करतला, वर्तमान जनसूचना अधिकारी, एम एस नागेश के विरूद्ध विभागीय जांच कर अनुशासनात्मक कार्रवाई किया जाए और आयोग को अपनी कार्यवाही से संबंधित दस्तावेज भेजे।
सूचना व्यक्ति के ज्ञान का स्त्रोत है
सूचना का अधिकार मानवाधिकार का एक अंग है। सूचना व्यक्ति के ज्ञान का स्त्रोत है। वह विकास की आधारभूत शक्ति है । सूचना व्यक्ति के जीने और संघर्ष करने की सामर्थ्य को बढ़ाती है, जो सूचना दे रहा है उसमें सहयोग पारदर्शिता और संयम को विकसित करती है। केन्द्र और राज्य सरकारों के अतिरिक्त पंचायतीराज संस्थाएं, स्थानीय शासन तथा गैर-सरकारी संगठन जिन्हें प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से सरकारी अनुदान प्राप्त होता है, वे सूचना के अधिकार कानून के अंतर्गत आते है। सरकार के क्रियाकलापों के संबंध में सभी नागरिकों को जानकारी प्रदान करने के लिए यह अधिनियम मिल का पत्थर साबित हो रहा है। इस कानून के आने से भ्रष्टाचार में कमी आई है।
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डॉ ताराचंद चंद्राकर को पत्रकारिता के क्षेत्र में 15 वर्षो अनुभव प्राप्त है वे विभिन्न मीडिया संस्थानों में काम कर चुके है। वे समय समय पर जनहित के मुद्दो पर अपनी आवाज उठाते रहते है।वर्तमान में वे पत्रकारिता, समाजसेवी, मानवाधिकार कार्यकर्ता, आरटीआई विशेषज्ञ, व्हिसील ब्लोअर के रूप में समाज में अपनी सेवाएं प्रदान कर रहे है।