Amazon को लगा झटका, CCI की फ्यूचर ग्रुप के साथ डील की मंजूरी पर रोक, कहा छुपाई गई जानकारी

कंपटीशन कंमीशन ऑफ इंडिया से अमेरिका की ई-कॉमर्स दिग्गज कंपनी अमेजन को बड़ा झटका लगा है. सीसीआई ने अमेजन के 2019 में फ्यूचर ग्रुप के साथ हुए सौदे पर दी गयी मंजूरी पर रोक लगा दी है. सीसीआई के मुताबिक नियामक से अनुमति लेते वक्त अमेजन ने कुछ अहम जानकारियां छुपाई थी. इसके साथ ही कमीशन ने अमेजन पर 200 करोड़ रुपये का पेनल्टी भी लगाया है.

क्या है सीसीआई का फैसला

अपने 57 पेज के ऑर्डर में कंपटीशन कमीशन ऑफ इंडिया ने कहा है कि अमेजन ने 2019 के सौदे के पीछे के अपने असली मकसद और जानकारियों को सामने नहीं रखा था. ऐसे में जरूरी हो जाता है कि इस सौदे पर फिर से नजर डाली जाये और तब तक सौदे पर दी गयी मंजूरी पर रोक लगी रहेगी. इसके साथ ही अमेजन पर 200 करोड़ रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है. अमेजन के खिलाफ फ्यूचर कूपन प्राइवेट लिमिटेड और कंफडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स ने शिकायत दर्ज कर कहा था कि अमेजन ने फ्यूचर कूपन में 49 प्रतिशत हिस्सेदारी की खरीद कर अप्रत्यक्ष रूप से फ्यूचर रिटेल पर असर डालने के अपने मकसद को छुपाया था. सीसीआई का आदेश सुप्रीम कोर्ट के उस आदेश के दो हफ्ते के बाद आया है जिसमें कोर्ट ने इस मामले में अमेजन को अपना जबाव देने को कहा था. अमेजन के खिलाफ फ्यूचर कूपन ने मार्च में एप्लीकेशन दी थी जिसपर आज फैसला आया है. खबरों के मुताबिक इससे पहले अमेजन ने तर्क रखा था कि एजेंसी के पास दी गयी मंजूरी को वापस लेने की कोई कानूनी अधिकार नहीं है.

क्या है पूरा मामला

अमेजन ने फ्यूचर समूह की कंपनी फ्यूचर कूपन्स में 49 प्रतिशत हिस्सा खरीदा है. इसके लिए उसने 2019 में फ्यूचर समूह के साथ 1431 करोड़ रुपये का सौदा किया था. फ्यूचर कूपन्स के पास फ्यूचर रिटेल के 10 प्रतिशत शेयर हैं. इस सौदे के समय दोनों कंपनियों में ये करार हुआ था कि बिना अमेजन की सहमति के फ्यूचर रिटेल का कारोबार किसी अन्य पक्ष को नहीं बेचा जाएगा. हालांकि 2020 में किशोर बियानी ने ये कारोबार 24500 करोड़ रुपये में रिलायंस को बेच दिया. जिसके बाद अमेजन ने समझौते के उल्लंघन का आरोप लगाया, इसी वजह से दोनो पक्ष लंबी कानूनी लड़ाई में उलझे हैं.अमेजन का तर्क है कि सौदे की वजह से दोनो पक्ष नियमों में बंधे हैं, हालांकि फ्यूचर कूपन्स का तर्क है कि सौदे के पीछे जानकारियां छुपाई गयी

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