सीमा वर्मा बिलासपुर छ.ग. मुहीम एक रूपिया वाली
वर्तमान मंथन/बिलासपुर : यह स्नेह है,यही प्रेम है और सबसे बड़ा कर्तव्य है कि हम किसी के चेहरे पर मुस्कान लाने की एक तल्ख कड़ी मात्र बन सकें। इसके लिए हम अपने आप को धन्य मानें कि यह सेवा का अवसर हमें उस इश्वर ने दिया है। क्रिया के विपरीत प्रतिक्रिया न्युटन के गति के नियम को साकार करती सहयोग का यह सफर आपके द्वारा मात्र एक रूपये देने से होता है।
बुंद-बुंद से घड़ा भरने की बातें है और जब घड़ा भर जाए तो कई लोगों की प्यास बुझाता है। छत्तीसगढ़ की न्यायधानी बिलासपुर में रहने वाली सीमा वर्मा जो मात्र लोगों से एक एक रूपये लेकर उन कई गरीब जरूरतमंद बच्चों के चेहरे में खुशियां देती हैं, कभी उनके स्टेशनरी तो कभी उनकी स्कूल की फीस देकर। अपनी पढ़ाई कैरियर के साथ इस कार्य में उनका स्नेह इतना बढ़ा कि वे अब मानवता की सेवा के नाम जीना पसंद करती है। तभी तो सीमा जहां दिखे मुहीम एक रूपिया वाली के नाम प्रसिद्व हो चुकी है।
उनके लिए स्वयं का सम्मान मायने नहीं रखता अपितु अपने स्नेह कर्तव्य का पालन करते दूसरे के चेहरे पर जो मुस्कान देखती है उसे वो अपना अहम पुरस्कार मानती है। सीमा के लिए इस कार्य में जितना लिखें कम है। संकुचित संकीर्ण मानसिकता मित्रों का मतलबी खयालातों को इनकी मुहीम ठोकर मारती है,यह कहते हुए कि अपनी मानसिकता जरा ऊपर कर लें, फैला लें तब बात करें।सेवा का यह सफर शहरों से गावों की ओर रूख कर गया है। यह सफर काफी लंबा है।