दीपका परियोजना के प्रभावित ग्राम सुअभोंडी का मामला ,प्रबंधन की मनमानी पर अंकुश लगाने में प्रशासन नाकाम
कोरबा । एसईसीएल दीपका परियोजना की हैवी ब्लास्टिंग प्रभावित ग्राम सुआभोंडी के एक ग्रामीण परिवार पर कहर बनकर टूटा। सोमवार की दोपहर 2:30 बजे एक मकान का हिस्सा भरभरा कर गिर गया। मकान के भीतर मौजूद शांति बाई नामक महिला घायल हो गई, जबकि उसकी 15 वर्ष की पुत्री बाल- बाल बची। आक्रोशित ग्रामीण उर्जाधानी भू -विस्थापित संगठन के साथ एसईसीएल के खिलाफ हरदीबाजार चौकी में एफआईआर दर्ज कराने शिकायत पत्र सौंपा है।
ग्रामीणों के मुताबिक जिस समय घटना हुई उस दौरान खदान में हैवी ब्लास्टिंग हुई थी। प्रबंधन की ओर से की जा रही हैवी ब्लास्टिंग के कारण ही घटना हुई है। लोगों ने कहा कि जब इसकी सूचना एसईसीएल के अधिकारियों को दी तो उन्होंने मौके पर आने से ही मना कर दिया। इसको लेकर ग्रामीणों में आक्रोश व्याप्त है।प्रबंधन के रवैये से नाराज ग्रामीण ऊर्जाधानी भू-विस्थापित संगठन के पदाधिकारी व सदस्यों के साथ हरदीबाजार चौकी पहुंच गए और घटना के लिए जिम्मेदार एसईसीएल दीपका प्रबंधन के अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने की मांग की। शिकायत करने वाली शांति बाई ने बताया कि हैवी ब्लास्टिंग के कारण पहले भी इस तरह की घटनाएं हो चुकी है। हरदीबाजार चौकी में शिकायत के दौरान ऊर्जाधानी भू-विस्थापित किसान कल्याण समिति के अध्यक्ष कुलदीप सपुरन, कुलदीप राठौर, प्रकाश बाबा, जनपद सदस्य अनिल टंडन, पूर्व सरपंच रविद्र जगत, अनुसुईयां राठौर, ललित महिलांगे, गजेंद्र सिंह सहित अन्य उपस्थित रहे।
नहीं रुक रहा टकराव ,प्रशासन पर उठ रहे सवाल
उल्लेखनीय है कि एसईसीएल दीपका प्रबंधन की लापरवाही ,मनमानी एवं जन अहितकारी रवैय्ये से प्रभावितों व प्रबंधन के बीच टकराव बनी हुई है। वादाखिलाफी में मशहूर एसईसीएल के रवैये को लेकर प्रभावितों में रोष व्याप्त है। हमेशा की तरह जिला प्रशासन एसईसीएल की मनमानी एवं जन अहितकारी कार्यों पर नकेल कसने नाकाम रहा है। जिससे प्रशासनिक अधिकारियों की कार्यशैली पर भी सवाल उठ रहे हैं।
