SECLफसल मुआवजा प्रकरण : 6 घंटे घेराव के बाद एसईसीएल ने कहा — कटघोरा एसडीएम के पास अटकी है फाइल, दीपावली से पहले मिलेगा मुआवजा

SECL Crop Compensation Case: After 6 hours of siege, SECL said - Katghora file is stuck with SDM, will get compensation before Diwali

फसल मुआवजा प्रकरण : 6 घंटे घेराव के बाद एसईसीएल ने कहा — कटघोरा एसडीएम के पास अटकी है फाइल, दीपावली से पहले मिलेगा मुआवजा

 

VM News desk Korba :-

कोरबा। एसईसीएल (SECL) के बल्गी सुराकछार खदान के भूधसान से प्रभावित किसानों के फसल मुआवजा की मांग को लेकर किसानों ने मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के नेतृत्व में एसईसीएल के कोरबा मुख्यालय के 6 घंटों तक घेराव के बाद अधिकारियों ने आंदोलनकारियों को बताया कि मुआवजे की फ़ाइल कटघोरा एसडीएम के पास उनकी स्वीकृति के लिए अटकी हुई है और फिर लिखित आश्वासन दिया कि दीवाली के पहले मुआवजा दिलाया जाएगा। घेराव आज दोपहर 12 बजे से शाम 6 बजे तक चला और अधिकारियों के साथ पहले दौर की वार्ता विफल हो जाने के बाद आंदोलनकारी किसानों ने एसईसीएल द्वारा दो माह पूर्व दिए लिखित आश्वासन की प्रतियां जलाई और अनिश्चितकालीन घेराव की घोषणा कर दी।

SECL Crop Compensation Case: After 6 hours of siege, SECL said - Katghora file is stuck with SDM, will get compensation before Diwali

किसानों के इस रुख को देखते हुए और पुलिस प्रशासन के हस्तक्षेप के बाद प्रबंधन ने दुबारा बैठक बुलाई और मुआवजा भुगतान में हो रही देरी का पूरा दोष राज्य सरकार और कटघोरा एसडीएम पर मढ़ दिया और बताया कि फ़ाइल कटघोरा एसडीएम के पास उनकी स्वीकृति के लिए अटकी पड़ी है और फ़ाइल वापस आये ही दीवाली से पहले मुआवजे का भुगतान कर दिया जाएगा। प्रबंधन के इस लिखित आश्वासन के बाद ही माकपा ने घेराव खत्म करने की घोषणा की। प्रबंधन के साथ वार्ता में माकपा जिला सचिव प्रशांत झा, छत्तीसगढ़ किसान सभा के अध्यक्ष जवाहर सिंह कंवर और सहसचिव दीपक साहू सहित गणेश राम, मोहर दास, रमा, सावित्री चौहान आदि प्रभावित किसान उपस्थित थे।

माकपा नेता प्रशांत झा ने बताया कि इस समस्या को लेकर कई बार आंदोलन किया गया है। जुलाई में सीएमडी के लगातार पुतला दहन कार्यक्रम के दौरान एसईसीएल प्रबंधन ने दो महीने के अंदर फसल नुकसानी का मुआवजा देने का लिखित आश्वासन दिया था, लेकिन इस पर प्रबंधन ने आज तक कोई कार्यवाही नही की है। उन्होंने कहा कि यदि प्रबंधन प्रभावित किसानों की समस्या के प्रति गंभीर होता, तो फ़ाइल एसडीएम के पास रुकी नहीं रहती।

उल्लेखनीय है कि बल्गी सुराकछार खदान के भूधसान के कारण सुराकछार बस्ती के किसानों की भूमि वर्ष 2009 से कृषि कार्य करने योग्य नहीं रह गई है। इससे किसानों को हुए भारी नुकसान को देखते हुए वर्ष 2016-17 तक का फसल क्षतिपूर्ति व मुआवजा एसईसीएल प्रबंधन को देना पड़ा है। लेकिन इसके बाद वर्ष 2017-18 से वर्ष 2020-21 तक का चार वर्षों का 7 लाख रुपयों से ज्यादा मुआवजा अभी तक लंबित है।

किसान सभा नेता जवाहर कंवर और दीपक साहू ने मुआवजे का ब्याज सहित भुगतान करने की मांग करते हुए कहा है कि कोरोना संकट से बर्बाद किसानों को दीवाली के त्यौहार पर पैसों की सख्त जरूरत है, इसलिए एसईसीएल द्वारा की जा रही कार्यवाही पर उनका संगठन नज़र रखेगा और जरूरत पड़ने पर फिर आंदोलन करेगा।

आज के प्रदर्शन में प्रमुख रूप से संजय यादव, महिपाल सिंह, गणेश राम, मोहर दास, कन्हाई सिंह, विशाल राम, लालजी, रघुलाल, सावित्री चौहान, दुज बाई, झूल बाई, अंजोर सिंह, सोमेश्वर सिंह, सुरेश कुमार, राकेश कुमार तंवर और रमन के साथ बड़ी संख्या में प्रभावित किसानों ने घेराव में हिस्सा लिया।

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