रायपुर : 2 विधवा महिलाओ ने अनुकम्पा नियुक्ति की मांग को लेकर राजधानी रायपुर में धरना स्थल पर खुद को आग लगाने की कोशिश

Raipur: 2 widowed women tried to set themselves on fire at the protest site in the capital Raipur demanding compassionate appointment.

2 विधवा महिलाओ ने  अनुकंपा के आधार पर की नौकरी की मांग

 राजधानी रायपुर में किया आत्मदाह का प्रयास

VM News desk Raipur :-

राजधानी रायपुर में दो  विधवा महिला ने  छत्तीसगढ़ सरकार के समक्ष अपनी  मांगों को लेकर  खुद को आग लगाने की कोशिश की. छत्तीसगढ़  की राजधानी रायपुर में राज्य भर से दिवंगत शिक्षकों की पत्नियां सैकड़ों की संख्या में पिछले 51 दिनों से धरने पर बैठी हैं.

गुरुवार की शाम धरने पर बैठी दो महिलाओं ने खुद को आग लगाने की कोशिश की. मौके पर मौजूद पुलिस ने किसी तरह उन्हें बचाया. रायपुर पुलिस ने घटना की पुष्टि करते हुए कहा कि दो महिलाओं ने खुद को आग लगाने की कोशिश की. रायपुर जिला पुलिस मुख्यालय में तैनात एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि, “घटना स्थल पर मौजूद महिला पुलिस अधिकारियों ने उन्हें बचाने के लिए काफी प्रयास किए.

धरना स्थल पर धरने पर बैठी  महिलाओं में से एक ने कहाकि,  हम सभी यहां धरने पर बैठी  जितने भी महिलाये हैं , सभी दिवंगत सरकारी शिक्षकों की पत्नियां हैं. हम सभी  अपने पति की मृत्योपरांत  अनुकंपा नियुक्ति की मांग को लेकर पिछले 51 दिनों से राज्य की राजधानी में धरने पर बैठे हैं. प्रदर्शनकारियों में से एक, जिसने खुद की पहचान श्रीमति  अश्वनी सोनवानी बताई है.  उन्होंने कहा कि अनुकंपा नियुक्ति का मामला 2006 से लंबित है. श्रीमति सोनवानी ने कहा कि, ‘ राज्य सरकार 2006 से धन की कमी सहित विभिन्न कारणों का हवाला देते हुए अनुकंपा के आधार पर नियुक्तियां कर रही है. 

सोनवानी ने आगे कहा कि दो महिलाओं ने खुद को आग लगाने की कोशिश की क्योंकि वे अनुकम्पा नियुक्ति में  देर होने से  काफी निराश थीं. सरकार की ओर से हमें नियुक्त करने में देरी करने के कारण उन्हें गंभीर वित्तीय संकट का सामना करना पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि सभी विधवाओं ने फैसला किया है कि वे अपना आंदोलन जारी रखेंगे और जब तक सरकार जब तक उनकी बात नहीं सुनती और उनकी अनुकम्पा नियुक्ति  करना शुरू नहीं कर देती तब तक वे यहीं बैठी रहेंगी.

एक अन्य आंदोलनकारी , जिसने खुद को अनीता के रूप में पहचान बताई, ने कहा कि वह दंतेवाड़ा से रायपुर में इस आंदोलन में भाग लेने के लिए आईहै.  “जब तक सरकार मुझे मेरी नियुक्ति पत्र नहीं सौंपती, तब तक मैं घर वापस नहीं जाऊंगी.”

 

 

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