रेल रोको आंदोलन : पटरियों पर किसान सभा के धरना से कोयला ढुलाई बाधित 2 घंटे जाम से 3 करोड़ के नुकसान का अंदेशा

Rail roko agitation: Coal transportation disrupted due to Kisan Sabha's sit-in on the tracks, loss of 3 crore expected due to 2 hours jam

पटरियों पर किसान सभा के धरना से कोयला ढुलाई बाधित

 2 घंटे जाम से 3 करोड़ के नुकसान का अंदेशा

आंदोलनकारी किसानों से पुलिस की झड़प

 

VM News desk Korba:-

कोरबा। संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर आज कोरबा में अखिल भारतीय किसान सभा से संबद्ध छत्तीसगढ़ किसान सभा के नेतृत्व में ग्रामीण महिलाओं की बड़ी भागीदारी के साथ सैकड़ों किसानों ने गेवरा-दीपका रेल खंड पर पटरियों पर धरना दिया।

Rail roko agitation: Coal transportation disrupted due to Kisan Sabha's sit-in on the tracks, loss of 3 crore expected due to 2 hours jam

दो घंटे से ज्यादा के इस धरने के कारण लगभग 5000 टन कोयले की ढुलाई बाधित होने और एसईसीएल को 3 करोड़ रुपये से ज्यादा का नुकसान होने का अंदेशा है। पुलिस ने प्रदर्शनकारी किसानों को बलपूर्वक पटरियों से हटाया और उनकी पुलिस के साथ झड़प भी हुई।

उल्लेखनीय है कि गेवरा रोड स्टेशन से रेलवे सबसे ज्यादा राजस्व वसूल करता है। यहां एसईसीएल की गेवरा कोयला खदान है, जो एशिया की सबसे बड़ी खदान है और हर साल 42 मिलियन टन कोयले की ढुलाई रेल से ही होती है। किसान सभा ने इसी रेल खंड को आज के आंदोलन में अपना निशाना बनाया, जिसके कारण किसी यात्री ट्रेन के रुकने की तुलना में रेलवे को ज्यादा नुकसान हुआ और एसईसीएल से भी कोयला ढुलाई बुरी तरह बाधित हुई।

इस आंदोलन को टालने के लिए पुलिस और रेल प्रशासन की सभी कोशिशें विफल हो गई और किसान सभा नेताओं ने आंदोलन स्थगित करने का अनुरोध ठुकरा दिया था। पुलिस की सख्ती को देखते हुए कल रात से ही किसान सभा के प्रमुख नेता भूमिगत हो गए थे और आज योजनाबद्ध तरीके से किसान सभा नेता जवाहर सिंह कंवर, प्रशांत झा और दीपक साहू की अगुआई में गांवों से किसान निकलकर पटरियों पर आ धमके, जिसका अंदाज प्रशासन को भी नहीं था।

Rail roko agitation: Coal transportation disrupted due to Kisan Sabha's sit-in on the tracks, loss of 3 crore expected due to 2 hours jam

बड़ी संख्या में रेल्वे और जिला पुलिस बल ने गंगानगर के पास किसानों को रेल्वे पटरियों पर नहीं पहुँचने देने के लिए नाकेबंदी कर रखी थी, लेकिन किसानों ने पुलिस को चकमा देते हुए एक किमी. दूर गांव के दूसरे रास्ते से पटरियों तक पहुंच गए। सैकड़ों किसानों ने तीनों किसान विरोधी कानूनों और मजदूर विरोधी श्रम संहिता वापस लेने, सी-2 लागत का डेढ़ गुना न्यूनतम समर्थन मूल्य देने का कानून बनाने और लखीमपुर खीरी जन संहार के दोषी केंद्रीय मंत्री अजय मिश्र को बर्खास्त करने की मांग की तख्तियां लिए, नारे लगाते उन्होंने पटरियों पर धरना दे दिया और पुलिस प्रशासन कुछ नहीं कर पाई। दो घंटे बाद ही उन्हें पटरियों से हटाने के लिए पुलिस हरकत में आ पाई। उन्हें हटाने के लिए पुलिस को बल प्रयोग भी करना पड़ा है और आंदोलनकारियों के साथ उनकी झड़प भी हुई है।

किसान सभा नेताओं ने इस सफल रेल रोको आंदोलन के लिए किसानों को बधाई देते हुए किसान विरोधी कानूनों की वापसी तक आंदोलन जारी रखने की बात फिर दुहराई है।

 

 

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