किसानों को 12 की जगह अब 17 हजार रुपए प्रति एकड़ मिलेगी मुआवजा राशि
नरमे की फ़सल पर गुलाबी सूंडी के हमले के कारण नुकसान बर्दाश्त करने वाले नरमा उत्पादकों और खेत कामगारों को बड़ी राहत देते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने फसल का मुआवजा 12000 रुपए से बढ़ाकर 17000 रुपए प्रति एकड़ करने का ऐलान किया है। इसके साथ ही इस राहत का 10 प्रतिशत नरमा चुगने वाले खेत कामगारों को देने का घोषणा भी की है।
5 हजार रुपए प्रति एकड़ के हिसाब से मिलेगी अतिरिक्त मुआवजा राशि
राज्य के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने कहा है कि 75 फीसदी खराब फसल को 100 फीसदी खराब मानकर ऐसे किसानों को 5000 रुपए प्रति एकड़ के हिसाब से अतिरिक्त मुआवजा राशि दी जाएगी। इसके अलावा कपास बीनने वाले मजदूरों को भी 10 फीसदी मुआवजा दिया जाएगा।
मुआवजा राशि बढऩे से किसानों को मिलेगी 200 करोड़ रुपए की और राहत
पंजाब भवन में भारतीय किसान यूनियन (राजेवाल) के प्रधान बलबीर सिंह राजेवाल के नेतृत्व में 32 किसान संगठनों की संयुक्त किसान मोर्चे के नुमायंदों के साथ उच्च स्तरीय मीटिंग की अध्यक्षता करते हुए मुख्यमंत्री चन्नी ने कहा कि मुआवजा राशि बढऩे से 200 करोड़ रुपए की और राहत मिलेगी जबकि 12000 रुपए प्रति एकड़ के हिसाब से 416.18 करोड़ रुपए पहले ही मंजूर किये जा चुके हैं।
किसानों के खिलाफ दर्ज एफआईआर रद्द करने का भी किया ऐलान
संयुक्त किसान मोर्चे की मांग को स्वीकार करते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने राज्य में खेती कानूनों के विरुद्ध प्रदर्शन करने वाले किसानों के खिलाफ पंजाब पुलिस द्वारा दर्ज सभी एफआईआर रद्द करने का ऐलान किया। उन्होंने संयुक्त किसान मोर्चे के नुमायंदों को भरोसा दिया कि वह पंजाब के राज्यपाल जो चंडीगढ़ के प्रशासक भी हैं, को निजी तौर पर मिलकर मसला उठाएंगे जिससे खेती कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन में हिस्सा लेने वाले किसानों के विरुद्ध केस वापस करवाए जा सकें। मुख्यमंत्री चन्नी ने ऐलान किया कि विभिन्न किसान यूनियनों के प्रतिनिधिमंडलों के साथ राज्यपाल को जल्द ही मिलकर यह केस तुरंत वापस लेने की अपील करेंगे।
धान की पराली नहीं जलाने की अपील
इसी के साथ पंजाब के मुख्यमंत्री चन्नी ने किसानों से धान की पराली नहीं जलाने की अपील करते हुए कहा कि किसान भविष्य में पराली जलाने से परहेज करें, क्योंकि ये पर्यावरण और मानव स्वास्थ्य दोनों के लिए खतरनाक है। इसके अलावा ये खेत की उपजाऊ शक्ति पर भी बुरा प्रभाव डालती है। किसान यूनियनों की मांग पर मुख्यमंत्री चन्नी ने कहा कि किसान भाईचारे के हित में धान की पराली जलाने वाले किसानों पर दर्ज मामलों पर कानूनी नजरिये से विचार किया जाएगा।
गुलाबी सुंडी से कपास में कितना हुआ है नुकसान
इस साल उत्तरी क्षेत्र स्थित कपास के खेतों में गुलाबी सुंडी का काफी प्रकोप रहा है। इससे पंजाब, हरियाणा, राजस्थान में कपास की फसल को काफी नुकसान पहुंचा है। खबरों से मिली जानकारी के अनुसार बताया जा रहा है कि गुलाबी सुंडी के प्रकोप से अकेले पंजाब की कपास पट्टी में करीब चार लाख एकड़ क्षेत्रफल में फसल प्रभावित हुई है। जबकि यहां कुल कपास का क्षेत्र 7.51 लाख एकड़ है। पंजाब के मानसा और बठिंडा जिलों में कपास की फसल काफी खराब हो गई है। इनके कई क्षेत्रों में तो किसानों ने परेशान होकर अपनी खड़ी फसल की जुताई कर दी थी। इसके अलावा संगरूर, मुक्तसर साहिब और बरनाला में भी नुकसान हुआ था। पंजाब सरकार ने गुलाबी सूंडी से खराब हुई फसल का मुआवजा देने के लिए 416 करोड़ रुपए की राहत राशि का ऐलान किया था। नुकसान की जानकारी लेने के लिए पूरे क्षेत्र में गिरदावरी का आदेश दिया था।
इन राज्य सरकारों ने भी बढ़ाई मुआवजा राशि
किसानों को राहत देने के लिए हरियाणा और महाराष्ट्र सरकार ने भी किसानों को फसल खराब होने पर मिलने वाली मुआवजा राशि में बढ़ोतरी की है। हरियाणा सरकार की ओर से अब कपास, धान, गेहूं व गन्ने की फसल को 75 प्रतिशत से ज्यादा नुकसान होने पर किसानों को 12 हजार रुपए की जगह 15 हजार रुपए प्रति एकड़ के हिसाब से मुआवजा राशि प्रदान की जाएगी। वहीं अन्य फसलों पर 10 हजार रुपए प्रति एकड़ से बढ़ाकर 12,500 रुपए कर दिया गया है।
इसी प्रकार महाराष्ट्र सरकार की ओर से फसल खराब होने पर किसानों को मिलने वाली मुआवजा राशि में वृद्धि की गई है। बतादें कि महाराष्ट्र में बाढ़ और बारिश से फसलों को भारी नुकसान हुआ है। इसकी भरपाई करने के लिए महाराष्ट्र सरकार की ओर से 10 हजार करोड़ रुपए के मुआवजे का ऐलान किया गया है। इसके तहत कपास की फसल में हुए नुकसान पर 10 हजार रुपए प्रति हेक्टेयर की दर से मुआवजा दिया जाएगा।