बालोद 6 घंटे पहले ऑक्सीजन की कमी दूर करने हाई नेजल फ्लो मशीन का उपयोग होगा। –
ऑक्सीजन की कमी दूर करने हाई नेजल फ्लो मशीन का उपयोग होगा।
प्रीमेच्योर बेबी को रखने की भी रहेगी व्यवस्था, 10 आईसीयू सहित 50 बेड की सुविधा मिलेगी
कोरोना की तीसरी लहर से निपटने व बच्चों को बचाने के लिए शासन, जिला प्रशासन, स्वास्थ्य विभाग ने तैयारियां शुरू कर दी है। छत्तीसगढ़ का पहला चाइल्ड केयर सेंटर जिला मुख्यालय बालोद में 3 माह में तैयार होगा। जिसमें 10 आईसीयू सहित कुल 50 बेड की सुविधा मिलेगी। सबसे विशेष बात यह रहेगी कि जिला मुख्यालय में पहली बार प्रीमेच्योर बेबी को भी रखने की व्यवस्था रहेगी। यह छत्तीसगढ़ का सबसे पहला सर्वसुविधा युक्त 50 बिस्तर का चाइल्ड केयर यूनिट बालोद जिले में स्थापित किया जा रहा है। कोरोना की पहली एवं दूसरी लहर का मुकाबला करने की तैयारी पहले से ही चल रही है इसी वजह से यह कदम उठाया जा रहा है। तीसरी लहर संभावित है, जो मुख्यतः बच्चों को ज्यादा प्रभावित करेगी। छत्तीसगढ़ का सबसे पहला सर्वसुविधा युक्त चाइल्ड केयर सेंटर बालोद में स्थापित किया जाना है। इससे वहां के बच्चों को भी स्वास्थ्य लाभ होगा।
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चाइल्ड केयर सेंटर में संक्रमित बच्चों के लिए यह सब सुविधाएं मिलेगी
आईसीयू बेड- ऐसे संक्रमित बच्चे जो गंभीर बीमारी से जूझ रहे है। उनको आईसीयू बेड में भर्ती किया जाएगा।
कार्डियो मॉनिटर- दिल की धड़कनों को मापने के लिए इसका उपयोग होगा। ताकि अनुमानित परिणाम मिल सकें।
एनआईवी मास्क- इस मास्क का उपयोग ऑक्सीजन लेवल बढ़ाने के लिए किया जाएगा।
इन्फ्यूजन पंप- यह एक ऐसा सिस्टम है, जो दवाओं को सीधे मरीजों के ब्लड स्ट्रीम में डालता है।
वेंटिलेटर- इसकी मदद से सांस लेने में तकलीफ होने पर मरीज को ऑक्सीजन पहुंचाने व लेवल सुधारने के लिए किया जाता है।
सी-पीएपी मशीन- नवजात शिशुओं के फेफड़े पूरी तरह से विकसित नहीं होते हैं, उनके लिए इसका उपयोग किया जाता है। धीरे-धीरे बच्चे के नाक में हवा जाती है।
हाई नेजल फ्लो कैनुला मशीन- ऑक्सीजन की कमी होने पर इसका उपयोग होगा। प्रत्येक मिनट 50 लीटर तक ऑक्सीजन रिलीज यानी सप्लाई करेगा।
ईसीजी मशीन- इसका उपयोग दिल तक रक्त पहुंचाने वाली वाहिकाओं में परेशानी, ऑक्सीजन की कमी, नसों का ब्लॉकेज, टिशू की असामान्य स्थिति, सीने में दर्द, सांस लेने में तकलीफ, दिल से जुड़ी अन्य समस्या को पता करने के लिए किया जाएगा।
स्वशन मशीन- इसका उपयोग मरीज की थमी हुई सांस को वापस लाने के लिए किया जाएगा।
इन्क्यूलेटर डिवाइस- इसका उपयोग सूक्ष्म जीवों को विकसित करने के लिए किया जाता है।
सिरिंज पंप- इसका उपयोग दर्द निवारक, इंसुलिन या हार्मोन आदि जैसे न्यूट्रिएंट या दवाओं को वितरित करने के लिए होता है।
प्रेशर मॉनिटर- मशीन से बीपी और हार्टबीट दोनों चैक कर सकते हैं।