भोपाल । प्रदेश में जल्द ही सभी वाहनों के नंबर की एक ही सीरीज होगी। अब तक हर जिले के वाहनों की अपनी अलग सीरीज होती है, लेकिन जल्द ही परिवहन विभाग इस व्यवस्था को खत्म कर प्रदेश के सभी वाहनों के नंबरों की एक ही सीरीज चलाएगा। इससे यह तो पता नहीं चलेगा कि गाड़ी किस शहर की है, लेकिन गाड़ी का मॉडल किस साल का है यह आसानी से पता चल जाएगा।
इसे लेकर योजना तैयार कर ली गई है। संभवत: अगले साल से इसे लागू भी कर दिया जाएगा। इसके तहत नंबर की शुरुआत जिस वर्ष से होगी उस वर्ष को लिखा जाएगा। इसके बाद प्रदेश, यानी एमपी आएगा, फिर नंबर और आखिरी में सीरीज के अल्फाबेट आएंगे। इस तरह नए साल की पहली गाड़ी का नंबर 22-एमपी-0001-ए हो सकता है।
कुछ समय पहले केंद्र सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों और ऐसी नौकरी वाले लोगों, जिनके लगातार देश में कहीं भी ट्रांसफर होते हैं, के लिए बीएच सीरीज की शुरुआत की है। इसके तहत ऐसे व्यक्ति अपनी गाड़ी पर ऐसे नंबर ले सकते हैं जो पूरे देश में एक समान रूप से चलेंगे, अन्यथा राज्य बदलने पर नंबर की सीरीज भी राज्यवार बदल जाती है। कुछ दिनों पहले ही कुछ राज्यों ने इसकी शुरुआत भी की है और जल्द ही मध्यप्रदेश में भी इसकी शुरुआत होने वाली है। इसके तहत वाहन के नंबर की शुरुआत वाहन के रजिस्ट्रेशन के वर्ष के अंतिम दो अंक, फिर बीएच, फिर नंबर और बाद में सीरीज के अल्फाबेट आते हैं।
इसके बाद नंबर 21-बीएच-0001-एए की तरह नजर आते हैं, लेकिन यह सुविधा सिर्फ केंद्रीय कर्मचारियों और ट्रांसफर होने वाली नौकरी करने वाले लोगों को ही मिलेगी। इसी से प्रेरित होकर मध्यप्रदेश परिवहन विभाग ने भी प्रदेश की एक ही सीरीज शुरू करने की योजना तैयार की है। बताया जा रहा है कि अन्य प्रदेश भी अपने यहां जिलेवार नंबरों की सीरीज को खत्म करते हुए प्रदेश की एक ही सीरीज शुरू करने की तैयारी कर रहे हैं। इसका कारण सभी प्रदेशों के वाहनों का रजिस्ट्रेशन सेंट्रल सर्वर से जुड़ जाना है। एक ही सीरिज होने से इस प्रक्रिया में भी आसानी आएगी।
मसौदा तैयार… नई व्यवस्था की तैयारी
इस पूरी योजना के लिए परिवहन विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने मसौदा तैयार करते हुए मुख्यालय को भेजा है, जिस पर परिवहन मंत्री और आयुक्त विचार करेंगे। उम्मीद है कि जल्द ही इसे लागू करने के लिए नोटिफिकेशन जारी किया जाएगा और साल 2022 से इसे पूरे प्रदेश में लागू कर दिया जाएगा।
वीआईपी नंबरों के लिए पूरे प्रदेश से लगेगी बोली
नई व्यवस्था से सरकार को वीआईपी नंबरों से होने वाली आय भी बढ़ जाएगी, क्योंकि अभी वीआईपी नंबरों की नीलामी जिला स्तर पर होती है। नई व्यवस्था के बाद जिला स्तर पर नंबर बंद हो जाएंगे और प्रदेश स्तर पर एक ही सीरीज खुलेगी। इससे नई सीरीज भी जल्दी-जल्दी आएंगी, जिससे वीआईपी नंबर भी ज्यादा मिल सकेंगे। वहीं वीआईपी नंबरों के लिए पूरे प्रदेश से शौकीन बोली लगाएंगे। इससे बोली बड़े स्तर पर पहुंचेगी और शासन को ज्यादा राजस्व मिल सकेगा।