रायपुर। मानसून का आगमन पिछले सालों की तुलना में दो दिन पहले ही हो गया। सामान्यत: मानसून का आगमन छत्तीसगढ़ में 16 जून से सक्रिय होता है लेकिन इस बार यह 9-10 जून को ही रायपुर पहुंच चुका है। यहां पश्चिम से नमी युक्त हवाएं आ रही है। पिछले दो दिनों से भारी बरसात हो रही है। इससे यह स्पष्ट हो गया है कि रायपुर तक मानसून पहुंच गया है। इसके प्रभाव से जहां पूरे छत्तीसगढ़ में कहीं कम कहीं ज्यादा बारिश हो रही है। छत्तीसगढ़ के आसमान पर दो दिन पहले से छाए बादल मानसून के ही थे। बीती रात प्रदेश के 19 स्टेशनों पर भारी बरसात दर्ज हुई। उसके बाद मौसम विभाग ने मानसून के सक्रिय होने की पुष्टि की है। बताया गया, छत्तीसगढ़ में प्रवेश करने के बाद मानसून रायपुर तक पहुंच गया है।
सामान्य तौर पर छत्तीसगढ़ में मानसून 16 जून को सक्रिय होता है। चार दिनों में यह पूरे प्रदेश को कवर कर लेता है। लेकिन इस बार यह 9-10 जून को ही रायपुर तक पहुंच चुका है। इसके प्रभाव से रायपुर में 113.2 मिलीमीटर बरसात दर्ज हुई है। माना में 97.2 मिलीमीटर और रायपुर के ही लाभांडी में 101.8 मिमी बरसात हुई है। सबसे अधिक 157.2 मिमी बरसात बेमेतरा में दर्ज हुई है। वहीं महासमुंद में 123 मिमी बरसात हुई है। रायपुर मौसम विज्ञान केंद्र के विज्ञानी एचपी चंद्रा ने बताया, पूरे देश में मानसून अभी स्टेब्लिश नहीं हुआ है। लेकिन अपने यहां पश्चिम से नमी युक्त हवाएं आ रही है। पिछले दो दिनों से भारी बरसात हो रही है। इससे यह स्पष्ट हो गया है कि रायपुर तक मानसून पहुंच गया है। अभी तक उसके आगे बढऩे के लक्षण नहीं हैं। लेकिन संभावना बनी हुई है। मौसम विभाग ने पिछले महीने ही 10 जून तक मानसून के छत्तीसगढ़ पहुंचने की संभावना जताई थी। लेकिन यह अनुमान 31 मई तक मानसून के केरल तट पर पहुंच जाने की संभावना पर आधारित था। इसमें देर हुई तो कहा गया कि इसमें 2 से 3 दिनों की देर हो सकती है।
मौसम विज्ञानी एचपी चंद्रा ने बताया, मानसूनी हवाओं की वजह से होने वाली बरसात बिना सिस्टम के भी होती है। अभी तो स्थानीय सिस्टम बना हुआ है। इसकी वजह से अगले कुछ दिनों तक प्रदेश में मध्यम से भारी बरसात जारी रह सकती है। इस बार मानसून के सामान्य रहने की संभावना जताई गई है। अगर ऐसा ही बना रहा तो कुछ दिनों के अंतराल पर बरसात होती रहेगी।
