गेवरा कोयला खदान के क्षमता विस्तार के प्रस्ताव पर ईएसी ने लगाई रोक छत्तीसगढ़ किसान सभा ने किया स्वागत

EAC bans proposal for capacity expansion of Gevra coal mine Chhattisgarh Kisan Sabha welcomed

गेवरा कोयला खदान के क्षमता विस्तार के प्रस्ताव पर ईएसी ने लगाई रोक

छत्तीसगढ़ किसान सभा ने किया स्वागत

 VM News desk Durg :-

 छत्तीसगढ़ किसान सभा ने गेवरा ओपन कास्ट कोयला खदान परियोजना की क्षमता का विस्तार करने के एसईसीएल के प्रस्ताव पर पर्यावरण आंकलन समिति (ईएसी) द्वारा रोक लगाए जाने का स्वागत किया है तथा इसे आम जनता के संघर्षों की जीत बताया है।

EAC bans proposal for capacity expansion of Gevra coal mine Chhattisgarh Kisan Sabha welcomed

आज यहां जारी एक प्रेस बयान में छत्तीसगढ़ किसान सभा के अध्यक्ष संजय पराते तथा महासचिव ऋषि गुप्ता ने बताया कि अपने निर्णय के पैरा 18.3.4 में पर्यावरण आंकलन समिति ने यह नोट किया है कि इस प्रस्ताव के पूर्व भी एसईसीएल ने अपनी क्षमता का विस्तार 45 मिलियन टन वार्षिक से 49 मिलियन टन वार्षिक किया है, लेकिन इसके बावजूद उसने तत्कालीन और वर्तमान पर्यावरण चिंताओं और शिकायतों का निवारण नहीं किया है। इसलिए एसईसीएल को पहले उन पर्यावरणिक चिंताओं को दूर करने में अपना ध्यान केंद्रित करना चाहिए। पर्यावरण समिति ने एसईसीएल को यह भी निर्देशित किया है कि खनन विस्तार की स्वीकृति प्राप्त करने के लिए वह अनिवार्य रूप से उचित प्रक्रिया का पालन करे। किसान सभा को पर्यावरण आंकलन समिति का यह निर्णय छत्तीसगढ़ बचाओ आंदोलन के सौजन्य से प्राप्त हुआ है, जिसे मीडिया के लिए उन्होंने जारी किया है।

किसान सभा नेताओं ने बताया कि पर्यावरण आंकलन समिति ने इस परियोजना के विस्तार के खिलाफ प्रभावित समुदाय की शिकायतों और आपत्तियों को गंभीरता से दर्ज किया है, जिसमें एसईसीएल के खिलाफ विभिन्न अदालतों में लंबित मुकदमे, लंबित रोजगार की वचनबद्धता से मुकरने, भूमि अधिग्रहण पर पर्याप्त मुआवजा न देने, नदियों और ब्लास्टिंग व प्रदूषण के कारण जल धाराओं और नदियों पर पड़ रहे दुष्प्रभाव आदि प्रमुख रूप से शामिल है।

उल्लेखनीय है कि कोयला खनन विस्तार के प्रस्ताव के विरोध में छत्तीसगढ़ किसान सभा द्वारा गेवरा क्षेत्र में ‘जन हस्ताक्षर अभियान’ चलाया गया था, जिस पर इस क्षेत्र के हजारों नागरिकों ने हस्ताक्षर किए थे। इस जन ज्ञापन में उक्त आपत्तियों को विस्तार से रखा गया था और पर्यावरण आंकलन समिति को भेजा गया था। ईएसी के इस निर्णय में इस जन ज्ञापन की महत्वपूर्ण भूमिका रही है।

उन्होंने बताया कि खनन विस्तार की अनुमति देने से पूर्व ईएसी चेयरमैन एन पी शुक्ला के नेतृत्व में एक चार सदस्यीय उच्चस्तरीय समिति इस क्षेत्र का दौरा करेगी तथा वास्तविक हालत का जायजा लेगी। इस समिति में पर्यावरण, वन व जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के प्रतिनिधि भी शामिल होंगे। किसान सभा नेताओं ने कहा कि इस उच्च समिति के दौरे के समय फिर आम जनता को लामबंद करके छत्तीसगढ़ किसान सभा इन आपत्तियों और शिकायतों को प्रभावी ढंग से दर्ज कराएगी।

 

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