छत्तीसगढ़ में मंडरा रहा है सूखे का खतरा

छत्तीसगढ़ में मंडरा रहा है सूखे का खतरा

वर्तमान मंथन/रायपुर : छत्तीसगढ़ में मानसून ने तय समय से  पूर्व दस्तक दी थी तो मौसम विज्ञानियों  के द्वारा पूर्वानुमान लगाया था कि इस वर्ष पर्याप्त मात्रा वर्षा होगी। जिससे धान का कटोरा कहे जाने वाले इस राज्य के किसानों में मौसम के पूर्वानुमान से खुशी की लहर थी। ऐसा लग रहा था कि इस बार न केवल धान की अच्छी पैदावार होगी, बल्कि समस्त जल स्रोत भी लबालब होंगे l  लेकिन विडम्बना देखो कि आधा मानसून निकल जाने के बाद भी राज्य अल्पवर्षा की चपेट में है। राज्य के दर्जनों जिलों की दर्जन भर से से अधिक तहसीलों में सूखे का खतरा मंडरा रहा है।

कांकेर और बीजापुर जिले में यह स्थिति ज्यादा गंभीर बताई जा रही है। यह राहत की बात है कि सरकार समय रहते सतर्क हो गई और सभी जिलों से वर्षा की स्थिति पर रिपोर्ट मांगी है। इसी पर कबीर दास जी का एक प्रचलित दोहा है …बिन पानी सब सून। विशेषज्ञ भी मानते हैं कि बाढ़ आ जाए, लेकिन सुखाड़ न हो। मगर, इस बार मौसम की बेरुखी से राज्य के किसानों की चिंता बढ़ा दी है। कम बारिश की वजह से  खेतों में खड़ी फसलों पर खतरा मंडरा रहा है। कांकेर में 53.9 फीसद और बीजापुर 60.8 फीसद ही बारिश हुई है।

 

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