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छत्तीसगढ़ पुलिस ने ATM में उंगली फंसाकर पैसे निकालने वाले दो आरोपियों को किया UP के जौनपुर से गिरफ्तार,पहले भी इसी गिरोह ने ऐसी ही घटना को दे चुके थे अंजाम
किराए पर डेबिट कार्ड लाकर करते थे ठगी
3 हजार रुपए महीने पर लेते थे कार्ड
SBI के ATM में उंगली फंसाकर निकाले थे 4 लाख रुपए
VM News desk Kawardha :-
छत्तीसगढ़ की पुलिस को एक और बड़ी सफलता हाँथ लगी है l कवर्धा पुलिस ने दो शातिर ठगों को गिरफ्तार किया है। पकड़े गए आरोपियों ने बड़े ही शातिर ढंग से SBI के एटीएम से 4 लाख रुपए निकाल लिए। इसके लिए वे 3 हजार रुपए किराए पर डेबिट (ATM) कार्ड लेकर आते थे। आरोपियों के पास से 21 एटीएम कार्ड और 3.90 लाख रुपए बरामद हुए हैं। दोनों आरोपियों की गिरफ्तारी UP के जौनपुर से हुई है। खास बात यह है कि 9 महीने पहले जगदलपुर पुलिस ने भी इसी तरीके से ठगी के मामले में दो आरोपियों को जौनपुर से ही गिरफ्तार किया था।
मामला यह है कि कवर्धा के SBI बैंक के मेन ब्रांच के मैनेजर ने पुलिस से शिकायत की थी कि शहर में जगह-जगह लगी ATM से ट्रांजेक्शन तो किया जा रहा है, लेकिन रुपए नहीं निकलने के बाद भी कम हो रहे हैं। इस पर पुलिस ने सभी जगहों के CCTV फुटेज चेक किए तो पता चला कि 7 ATM से एक ही आरोपी ने पैसे निकले है । पुलिस ने पैसे निकले गये खातों का मिलान किया और साइबर सेल की मदद से पुलिस आरोपियों को पकड़ने में कामयाब हो गई l घटना को अंजाम देने वाले दो आरोपियों को कवर्धा पुलिस ने UP के जौनपुर से गिरफ्तार किया l आरोपी का नाम अमरनाथ चौहान और दिवाकर यादव बताया जा रहा है ।
ग्रेजुएट होने के बाद जिम में हुई दोस्ती और लालच ने बना दिया उनको ठग
पुलिस के अनुसार पकड़े गए दोनों आरोपी अमरनाथ चौहान मऊ और दिवाकर यादव जौनपुर का रहने वाला है l दोनों आरोपी ग्रेजुएट हैं दोनों की दोस्ती जिम जाने के दौरान हुई थी। इसके बाद दोनों ने लालच में आकर ठगी करना शुरू किया था । UP से कवर्धा पहुंचे दोनों आरोपी ATM से छेड़खानी कर रुपए निकाल लेते थे। उसके साथ ही कस्टमर केयर पर झूठी जानकारी देकर बैलेंस ट्रांसफर करा लेते थे। फिलहाल पुलिस लेनदेन से संबंधित बैंक खातों को होल्ड कराने की कार्रवाई कर रही है।
ATM में उंगली फंसा कर ट्रांजेक्शन कराते थे कैंसिल
दोनों आरोपी ATM में जाकर रुपए निकाल लेते थे।एवं ट्रांजेक्शन के दौरान ATM में उंगली फंसाकर रुपए पकड़ लेते। बाकि एक नोट को ATM में ही छोड़ देते थे। थोड़ी देर बाद मशीन उस बचे एक नोट को वापस खींच लेती। इसके बाद ट्रांजेक्शन डिक्लाइन हो जाता। अंदर का मेकेनिज्म ATM से निकली रकम को नहीं जोड़ता था। इसी तथ्य को आधार बनाकर दोनों आरोपी कॉल सेंटर में फोन करते थे और पूरे रुपए निकल जाने का क्लेम बैंक से करते थे तो बैंक उनके खाते में उतना पैसा क्रेडिट कर देती थी।
9 महीने पहले जगदलपुर में भी हुई थी ऐसी ही घटना
जगदलपुर पुलिस ने पिछले कुछ महीने,दिसंबर 2020 में बैंक से इसी तरह ठगी करने वाले गिरोह को पकड़ा था। जिसमें एक MBA का छात्र भी शामिल था। उक्त आरोपियों ने 3 महीने में एक करोड़ रुपए से ज्यादा की रकम SBI के ATM से पार की थी। वे आरोपी भी लोगो से किराये पर डेबिट कार्ड लेकर आते थे और चोरी की घटना को बड़ी ही चतुराई से अंजाम देते थे। आरोपियों ने अलग-अलग बैंकों के 11 डेबिट कार्ड (ATM CARD)) का इस्तेमाल किया था। इनके पास से 3 ATM कार्ड, पासबुक और अन्य सामान बरामद हुआ। इन आरोपियों को भी पुलिस ने जौनपुर से ही पकड़ा था।