बिलासपुर : बिलासपुर जिले में 13 रेत घाटों का ठेका होगा खत्म, अनुबंध सीमा तय

Bilaspur: The contract for 13 sand ghats in Bilaspur district will end, contract limit fixed

बिलासपुर जिले में 13 रेत घाटों का ठेका होगा खत्म, अनुबंध सीमा तय

 

VM News desk Bilaspur :-

बिलासपुर जिले में रेत का कारोबार हमेशा चर्चा में रहा है। चाहे पंचायतों के समय में घाट का संचालन हो या  जब रेत की घाट का ठेका निजी लोगों को दिया गया है. जिले में 19 रेत घाटों की नीलामी की गई थी, जिनमें से 13 रेत घाटों के ठेके का लाइसेंस इसी माह समाप्त हो रहे हैं। यानी दो साल की अवधि समाप्त हो रही है।

घाट की शेष अवधि इस साल दिसंबर में पूरी कर ली जाएगी। रायपुर में आठ अक्टूबर को बैठक में तय होगा कि रेत उत्खनन का  ठेका बढ़ाया जाए की नहीं। हालांक, यह माना जा रहा है कि रेत उत्तखनन का अनुबंध बढ़ना लगभग तय है। ठेकेदारों के पास एक साल होगा, लेकिन यह तय करना भी जरूरी होगा कि जो सांचे काम नहीं कर रहे हैं उनका क्या किया जाए।

पर्यावरण विभाग ने विवादित घाटों को भी मंजूरी दे दी है। बैठक में भी यह मुद्दा उठ सकता है। राज्य में सत्ता परिवर्तन के बाद सरकार ने एक अहम फैसला लियl  रेत की कीमत कम करने और रायल्टी वसूली की व्यवस्था करने के लिए सरकार ने पंचायतों से घाट लेकर निजी हाथों में सौंप दिया l

बिलासपुर जिले में 19 घाटों की दो किस्तों में नीलामी हुई l  लेकिन मसतुरी क्षेत्र के घाटों में नदी में पानी होने के कारण खुदाई नहीं हो सकी l वहीं अरपा नदी के रेत के टीलों में अवैध रूप से अवैध परिवहन जारी है। खुदाई के साथ-साथ नियमों की भी घोर अवहेलना की गई। खनिज विभाग ने भी त्वरित कार्रवाई करते हुए लाखों रुपए बरामद किए। ट्रैक्ट, हाईवे, ट्रक मालिकों के साथ-साथ घाट ठेकेदारों पर भी जुर्माना लगाया गया।

हद तो तब हो गयी जब नदी में पानी भरे होने के बाद भी माफिया किनारे से बालू हटा रहे हैं और अपनी गतिविधियों से परहेज नहीं कर रहे हैं. खनिज विभाग भी इन दिनों कोई कार्रवाही नहीं कर रहे है। वहीं इस घाट का समय भी समाप्त हो गया है। 8 अक्टूबर को रायपुर में एक बैठक है जिसमें खनन एवं खनिज विभाग के सचिव एवं निदेशक द्वारा प्रदेश भर में बालू के टीलों का विस्तार करने के लिए मैराथन बैठक बुलायी गयी है. अधिकारियों को प्रस्ताव तैयार करने को कहा गया है। घाटे की अवधि पूरी करने वालों को एक वर्ष के विस्तार की गारंटी दी जाती है। सरकंडा और मंगला घाट का मामला हाईकोर्ट में विचाराधीन है।

 

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