सक्ति में संत शिरोमणि गुरु घासीदास बाबा के जयंती मनाई गई
इस अवसर पर विशाल शोभायात्रा का आयोजन किया गया
VM News desk Janjgir-Champa:-
जांजगीर-चांपा। सक्ति में संत शिरोमणि गुरु घासीदास बाबा के जयंती मनाई गई। इस अवसर पर विशाल शोभायात्रा का आयोजन किया गया जो कि खैरा से निकली नर्गदा झरना होते हुए बारादुवार से सक्ति अंबेडकर चौक पहुंची।
जहा पर मालखरौदा, जयजयपुर डभरा वाले शोभायात्री शामिल हुए, देखते ही देखते रैली में सैकड़ों की संख्या में लोगो की भीड़ उमड़ पड़ी। पुरा काफिला शक्ति नगर भ्रमण करते हुए राजापार, बुधवारी बाजार, कचहरी चौक होते हुए स्टेशन रोड पर स्थापित बाबा साहब जी की आदम कद प्रतिमा पर श्रद्धा सुमन अर्पित किए।
दर्शनबाला की स्कूल के पास जलपान (नाश्ता) कर पुनः खैरा पहुंच कर ध्वजा रोहन किए। गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के युवा प्रदेश अध्यक्ष लाखन सिंह सिदार ने अपने उद्बोधन में कहा कि गुरू घासीदास हमारे समाज के लिए भगवान के समान हैं।घासीदास की सत्य के प्रति अटूट आस्था की वजह से ही उन्होने बचपन में कई चमत्कार दिखाए, जिसका लोगों पर काफी प्रभाव पड़ा।
गुरु घासीदास ने समाज के लोगों को सात्विक जीवन जीने की प्रेरणा दी। उन्होंने न सिर्फ सत्य की आराधना की, बल्कि समाज में नई जागृति पैदा की और अपनी तपस्या से प्राप्त ज्ञान और शक्ति का उपयोग मानवता की सेवा के कार्य में किया।
इसी प्रभाव के चलते लाखों लोग बाबा के अनुयायी हो गए। फिर इसी तरह छत्तीसगढ़ में ‘सतनाम पंथ’ की स्थापना हुई। इस संप्रदाय के लोग उन्हें अवतारी पुरुष के रूप में मानते हैं। गुरु घासीदास के मुख्य रचनाओं में उनके सात वचन सतनाम पंथ के ‘सप्त सिद्धांत’ के रूप में प्रतिष्ठित हैं। इसलिए सतनाम पंथ का संस्थापक भी गुरु घासीदास को ही माना जाता है।
कार्यक्रम का नेत्रुत्व कर रहे जयंत जांगड़े ने अपने उद्बोधन में कहा कि बाबा ने तपस्या से अर्जित शक्ति के द्वारा कई चमत्कारिक कार्यों कर दिखाएं। बाबा गुरु घासीदास ने समाज के लोगों को प्रेम और मानवता का संदेश दिया। संत गुरु घासीदास की शिक्षा आज भी प्रासंगिक है।
जयंत जांगड़े ने ने कहा कि कार्यक्रम को सफ़ल बनाने के लिए गोंडवाना गणतंत्र पार्टी भीम आर्मी एसटीएससी ओबीसी युवा मोर्चा का पूरा सहयोग रहा। इस दौरान रवि मरावी,विश्वा रावण, सत्येंद्र जांगड़े, गोविंदा देव भारद्वाज, विजय लहरे, निखिल चंद्रा सहित सैकड़ों की संख्या में लोग उपस्थित थे।