आठ दिन में ब्लैक फंगस के 47 मरीज मिले, 45 ने तोड़ा दम

  • एम्स, अंबेडकर अस्पताल और सेक्टर-9 में सर्वाधिक मरीज
  • एम्स में हुई ब्लैक फंगस के मरीज की सर्जरी

रायपुर। ब्लैक फंगस के 47 मरीज राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में पिछले आठ दिनों में मिले हैं। वहीं अब तक 45 लोगों ने दम तोड़ा है। इसमें से 25 के मौत की वजह ब्लैक फंगस और 20 ब्लैक फंगस के मरीजों की मौत अन्य बीमारियों से हुई है। राज्य में संचालक, महामारी नियंत्रक डा. सुभाष मिश्रा ने बताया कि सर्वाधिक मरीज एम्स, आंबेडकर अस्पताल और सेक्टर-9 में भर्ती हैं। दवाओं के संकट के बीच राज्य सरकार अस्पतालों के साथ समन्वय कर दवाएं उपलब्ध करा रही है।
इधर एम्स में म्यूकरमाइकोसिस के साथ माइकोटिक एंयोजरिज्म के एक मरीज का आपरेशन किया गया है। बिलासपुर के रहने वाले 46 वर्षीय मरीज को लगभग दो माह पहले कोविड-19 हो गया था। इस रोगी को टीबी के साथ रीनल ट्रांसप्लांट भी हुआ था।
रोगी को एम्स में सीधे हाथ की तरफ के फेफड़े के लोब में केविटी लेजियन की शिकायत पर एडमिट कराया गया। मरीज को पोस्ट कोविड के बाद जांच में पल्मोनरी म्यूकरमाइकोसिस के साथ माइकोटिक एन्योरिज्म पाया गया। डा. सजल डे, डा. नरेंद्र कुमार बोधे और डा. विनय राठौर की टीम ने रोगी की गंभीर हालत को देखते हुए तुरंत आपरेशन कराने की सलाह दी।
इसके बाद थोरोसिस सर्जन डा. क्लेइन डेंटिस और डा. नितिन कश्यप की टीम ने उनके फेफड़े की इस दुर्लभ बीमारी की दो जून को सर्जरी की। आपरेशन के बाद भी रोगी को निरंतर विशेषज्ञों की टीम की निगरानी में रखा गया। डा. सुब्रता सिंघा के निर्देशन में चिकित्सकों की टीम ने उन्हें डबल ल्यूमेन इनट्यूबेशन और पोस्ट आपरेटिव केयर प्रदान की। रोगी को 15 जून को डिस्चार्ज कर दिया गया। म्यूकर माइकोसिस के मरीजों के उपचार के लिए एम्स के डायरेक्टर डा. नितिन एम. नागरकर ने इसे चिकित्सकों की प्रमुख उपलब्धि बताते हुए बधाई दी है।

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