नर्सिंग छात्राओं ने नौकरी देने की मांग को लेकर गांधी जयंती के दिन किया सत्याग्रह

Spread the love

नर्सिंग छात्राओं द्वारा नौकरी देने की मांग 

गांधी जयंती पर गांधी प्रतिमा के नीचे सत्याग्रह 

माकपा, आप और मुक्ति मोर्चा ने दिया समर्थन

VM News desk Jagdalpur :-

जगदलपुर। यूरोपीयन कमीशन के वित्तीय सहयोग से नर्सिंग प्रशिक्षित आदिवासी छात्राओं ने आज राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जयंती पर सीरासार चौक स्थित गांधी स्मारक के पास सत्याग्रह किया तथा कमीशन के साथ किये गए समझौते के अनुसार आदिवासी ग्रामीण क्षेत्रों में उन्हें नौकरी देने की मांग की। छात्राओं के इस धरने को मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी, आप, जनता कांग्रेस तथा बस्तर अधिकार मुक्ति मोर्चा के नेताओं ने भी अपना समर्थन दिया तथा छात्राओं के हर आंदोलन में सहभागी होने का भरोसा दिलाया।

Nursing students did Satyagraha on the day of Gandhi Jayanti to demand jobs

सत्याग्रही छात्राओं के आंदोलन का नेतृत्व कर रही नर्सिंग छात्र लक्ष्मी राणा ने मीडिया को बताया कि बस्तर व सरगुजा के आदिवासी क्षेत्रों में सरकारी स्वास्थ्य व्यवस्था को बेहतर बनाने के उद्देश्य से वर्ष 2015 में यूरोपीयन कमीशन व राज्य सरकार के बीच एक अनुबंध हुआ था, जिसमें यह तय किया गया था कि यूरोपीयन कमीशन आदिवासी छात्राओं को नर्सिंग की निःशुल्क पढ़ाई के लिए वित्तीय सहयोग देगी और नर्सिंग की पढ़ाई के बाद राज्य सरकार इन छात्राओं को ग्रामीण क्षेत्र में नर्स के रूप में नियुक्त करेगी। लेकिन इन छात्राओं को पढ़ाई पूरी करने के छह साल बाद भी नियुक्तियां नहीं दी गई है। कोरोना काल मे जिन नर्सिंग छात्राओं की अस्थाई तौर पर सेवाएं ली भी गईं, बाद में काम से निकाल दिया गया है। लक्ष्मी राणा ने तब की भाजपा व वर्तमान कांग्रेस सरकारों द्वारा उनके साथ छलावा करने का आरोप लगाया तथा बताया कि उनके परिवारजन छात्राओं की इस पढ़ाई के कारण कर्ज़ में डूब गए हैं।

उल्लेखनीय है कि इस योजना में भयंकर भ्रष्टाचार के कारण यूरोपीयन कमीशन को एक साल बाद ही इस परियोजना से अपने हाथ खींचने पड़े थे। यूरोपीयन कमीशन के द्वारा अग्रिम भुगतान के बावजूद भी इन् छात्राओं को फीस के लिए दर-दर भटकना पड़ा था। माकपा के नेतृत्व में रायपुर में इन छात्राओं ने घुटनों के बल चलकर मुख्यमंत्री निवास पर प्रदर्शन किया था, तब कहीं जाकर इन छात्राओं को 70 लाख रुपयों की छात्रवृत्ति का भुगतान किया गया था। लेकिन अब वे पिछले कई वर्षों से नौकरी के लिए भटक रही है और पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह व वर्तमान मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से कई बार गुहार लगा चुकी है।

नर्सिंग छात्राओं के लिए शुरूआती दौर से संर्घष कर रहे माकपा राज्य सचिव संजय पराते ने रायपुर से मोबाइल के माध्यम से सत्याग्रही छात्राओं को संबोधित किया। उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य में नर्सिंग के हजारों पद रिक्त होने के बावजूद विशेष योजना के तहत प्रशिक्षित इन नर्सिंग छात्रओं को अनुबंध के अनुसार रोजगार न देकर छत्तीसगढ़ सरकार न केवल इन आदिवासी छात्राओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रही है, बल्कि करार का उल्लंघन कर यूरोपीयन कमीशन के साथ भी धोखाधड़ी कर रही है।

उन्होंने कहा कि  राज्य सरकार के इस रवैये के खिलाफ यूरोपीयन कमीशन में भी शिकायतदर्ज की जाएगी। पराते ने कहा कि भाजपा की तरह राज्य की कांग्रेस सरकार भी जिन कॉर्पोरेटपरस्त नीतियों पर चल रही है, उससे स्वास्थ्य क्षेत्र का निजीकरण बढ़ रहा है और कोरोना काल मे स्वास्थ्य माफिया ने 5000 करोड़ रुपये आम जनता की जेब से निचोड़ लिए है। उन्होंने कहा कि कोरोना की संभावित तीसरी लहर का मुकाबला करने के लिए सार्वजनिक व्यवस्था को मजबूत करने और खाली पड़े चिकित्सा कर्मियों के पदों को भरने की जरूरत है।

आप की जिलाध्यक्ष तरुणा बेदरकर, और बस्तर अधिकार मुक्ति मोर्चा के संयोजक नवनीत चांद ने भी सभा को संबोधित किया तथा बस्तर व सरगुजा की आदिवासी बेटियों के साथ कांग्रेस-भाजपा के सौतेलेपन की तीखी निंदा की। उन्होंने कहा कि सरकार एक ओर तो ‘बेटी पढ़ाओ-बेटी बचाओ’ का नारा देती है, दूसरी तरफ पढ़कर निकली बेटियाें के हक पर कुठाराघात कर रही है।

उन्होंने छात्राओं के हर आंदोलन में सहभागी होने का भरोसा दिलाया। सभा को आप पदाधिकारी शुभम सिंह, नवनीत सराठे, ख़िरपति भारती, रूपनारायण नाग, धीरज जैन, गिरधर तथा बस्तर अधिकार मुक्ति मोर्चा के भरत कश्यप, नीलांबर सेठिया, शोभा गंगोत्रे व संगीता सरकार ने भी संबोधित किया।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published.