कुटेलाभांठा नहर से हटाया गया मुरम, किसानो ने ली रहत की साँस

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कुटेलाभांठा नहर से हटाया गया मुरम, किसानो ने ली रहत की साँस

वर्तमान मंथन/दुर्ग : आइआइटी भवन निर्माण के लिए कुटेलाभाठा क्षेत्र से गुजरने वाली समोदा डायवर्सन के करीब 75 मीटर क्षेत्र को मुरूम डालकर पाट दिया गया था। जिससे कि चार गांव में पानी की सिंचाई नहीं हो पा रही थी। किसानों ने इसकी शिकायत ग्राम पंचायत जेवरा सिरसा,जल संसाधन विभाग जिला प्रशासन के अधिकारियों से भी की थी। प्रशासन ने मामले को संज्ञान में लेते हुए नहर से मुरूम को हटवा दिया है। मुरूम हटाने के साथ ही नहर में पानी का बहाव शुरू हो गया है जिससे कि किसानों ने राहत की सांस ली है।

आसपास डबरी खोदकर नहर के पानी को डायवर्ट कर दिया गया था।प्रशासन के निर्देश पर नहर के 75 मीटर हिस्से से मुरूम हटा लिया गया है। यहां बोरी और पाइप लाइन डालकर नहर में पानी बहाव की व्यवस्था बनाई गई है। किसानों का कहना है कि इस व्यवस्था के बाद नहर में पानी का बहाव शुरू हो गया है लेकिन प्रेशर बहुत कम है।
इस वर्ष ठीक से बारिश नहीं होने से खेती कार्य के लिए सिंचाई पानी को लेकर किसान परेशान थे। मामले को संज्ञान में लेते हुए जल संसाधन विभाग के अधिकारियों ने आइआइटी भवन निर्माण का ठेका लेने वाली एजेंसी एलएंडटी को नहर से मुरूम हटाए जाने का निर्देश दिया जुनवानी,खम्हरिया,कुटेलाभाठा,जेवरा सिरसा होते हुए समोदा तक जाती है। आइआइटी भवन निर्माण के लिए कुटेलाभांठा क्षेत्र में नहर के 75 मीटर हिस्से को मुरूम से पाटकर निर्माण क्षेत्र में आवागमन के लिए मार्ग बना दिया गया था।
ग्राम जेवरा के सरपंच प्रशांत गौतम ने बताया कि इस नहर से चार गांव जेवरा,भटगांव,सिरसा और समोदा के खेतों में सिंचाई होती है। उन्होंने बताया कि इन गांवों में कृषि रकबा करीब 1250 एकड़ का है जहां नहर पटने की वजह से सिंचाई को लेकर दिक्कत हो रही थी।सिंचाई नहर से मुरूम को हटाने के बाद पानी का बहाव शुरू हो गया है। लेकिन नहर के एक हिस्से में बोरी और एक क्षेत्र में पाइप लाइन डाल दी गई है। इससे पानी बहाव का प्रेशर कम है।

 

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