महाराष्ट्र : महाराष्ट्र में  लॉकडाउन बढ़कर 15 मई तक, राज्य में एक मई से टीकाकरण मुश्किल – स्वास्थ्य मंत्री

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महाराष्ट्र में  लॉकडाउन बढ़कर 15 मई तक, राज्य में एक मई से टीकाकरण मुश्किल – स्वास्थ्य मंत्री

वर्तमान मंथन/मुंबई : महाराष्ट्र में फिलहाल अभी लॉकडाउन जारी है उसको बढाकर राज्य सरकार ने 15 मई तक कर दिया है l  फ़िलहाल लॉकडाउन को 15 दिन के लिए और बढ़ाया जाएगा। राज्य में फिलहाल 30 अप्रैल तक के लिए लॉकडाउन के दौरान लोगो के  आने जाने में पाबंदियां लगाई गई हैं। राज्य सरकार में स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने बुधवार को अपने बयान में कहा है कि कोरोना संक्रमण को देखते हुए पाबंदियों को 15 दिनों तक और यानी 15 मई तक के लिए बढ़ाया जाएगाl महाराष्ट्र में फिलहाल अतिआवश्यक सेवाओं को छोड़कर सब बंद है, जबकि महाराष्ट्र सरकार ने इसे लॉकडाउन का नाम नहीं दिया है लेकिन राज्य में लगी पाबंदियां लॉकडाउन जैसी ही हैं l

स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने कहा कि मंत्रिमंडल के सभी सदस्यों की यही राय हैं कि लॉकडाउन 30 अप्रैल से आगे बढ़ाना चाहिए। हम इसे 15 दिनों तो जरूर बढ़ाएंगे। वैक्सीनेशन को लेकर राजेश टोपे ने कहा है कि महाराष्ट्र में 1 मई से 18 साल से लेकर 45 साल तक के लोगों को टीका लगाने का काम शुरू नहीं हो पाएगा क्योंकि उनके पास वैक्सीन ही नहीं पहुंच पाई है।

राज्य  के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे का कहना है कि राज्य के पास वैक्सीनेशन के लिए जरूरी पूरी सुविधा मौजूद है लेकिन वैक्सीन का स्टॉक पर्याप्त मात्रा में  मौजूद नहीं है। इस तरह से यह  मुश्किल है कि एक मई से 18 से 44 वर्ष के लोगों के लिए अलग से वैक्सीनेशन का काम शुरू हो सके। हालांकि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की बातचीत वैक्सीन कंपनियों के साथ चल रही है। उन्होंने कहा कि टीकाकरण के लिए पर्याप्त मात्रा में वैक्सीन की  उपलब्धता एक बड़ी चुनौती है। हमने सीरम, भारत बायोटेक को इस सम्बन्ध में पत्र लिखा है लेकिन अब तक हमें कोई जवाब नहीं आया है।

महाराष्ट्र  कोरोना से सबसे ज्यादा प्रभावित राज्य  है। प्रदेश में  हर रोज 60 हजार के करीब कोरोना के नए मामले सामने आ रहे हैं। मंगलवार को राज्य में कोरोना के 66,358 नए मामले दर्ज किए गए और 895 लोगों की मौत कोविड की वजह से हुई। पूरे देश में महाराष्ट्र से ही सबसे ज्यादा कोरोना वायरस के मामले सामने आ रहे हैं। महाराष्ट्र में वर्तमान एक्टिव केस भी छह लाख से ज्यादा हैं।