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मानसून समय पर आने के बाद भी खाद की आपूर्ति बोआई कर रही प्रभावित
रायपुर। छत्तीसगढ़ में प्रमुख रूप से धान की फसल होती है। इस बार मानसून समय पर आया है, प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में खेती किसानी का काम जोर-शोर से जारी है। केन्द्र सरकार द्वारा जून माह में खाद यथा डीएवीपी एवं यूरिया की आपूर्ति समय पर नहीं होने के कारण खेती किसानी प्रभावित हो रही है। भाजपा शासित राज्यों में मध्य प्रदेश उत्तप्रदेश आदि में 70 प्रतिशत खाद की आपूर्ति की गई है, जबकि छत्तीसगढ़ के 10 सांसद प्रदेश से होने के बाद भी खाद की आपूर्ति समय पर नहीं होने से यह स्पष्ट है कि केन्द्र सरकार द्वारा छत्तीसगढ़ के किसानों के साथ दोहरा मापदण्ड अपनाया जा रहा है। राजनीतिक लड़ाई राजनीति के मैदान में भाजपा लड़े लेकिन निरीह किसानों से प्रतिशोध लेना केन्द्र सरकार बंद करे। भाजपा की प्राथमिकता में किसान हैं ही नहीं, मन की बात में भी प्रधानमंत्री नरेन्द्र दामोदर दास मोदी द्वारा किसानों एवं खेती के बारे में एक भी शब्द नहीं कहना भाजपा की मानसिकता को उजागर करता है। उक्त आरोप केन्द्र सरकार पर राजीव भवन में आयोजित पत्रकारवार्ता में प्रदेश के कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे ने लगाया। चौबे ने कहा कि राजीव गांधी किसान न्याय योजना में प्रदेश सरकार किसानों को लाभ दे रही है, उसमें भाजपा को क्या आपत्ति है। आधुनिकतम तकनीक के सहारे अब छत्तीसगढ़ में भी बारह महीना खरीफ-एवं रबी की फसल बोई जाती है।
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार छत्तीसगढ़ के किसानों के साथ कठोर व्यवहार कर रही है. छत्तीसगढ़ की भाजपा की मानसिकता शुरू से यहां के किसानों के साथ क्यों नहीं रही, वे किसानों की जरूरतों को अनदेखा करते हैं. बीजेपी से डी पुरंदेश्वरी, शिवप्रसाद, दुष्यंत कुमार सभी यहां आए, लेकिन किसानों की बात किसी ने नहीं की। बैठकों में अन्य विषयों पर चर्चा हुई पर प्रदेश की खेती किसानी पर कोई चर्चा नहीं हुई।
कृषि मंत्री रविंद्र चौबे ने कहा कि छत्तीसगढ़ के किसानों का दोष क्या है, केंद्र सरकार किसानों के साथ इस तरह का व्यवहार क्यों कर रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार दोहरा मापदंड अपना रही. केंद्र सरकार छत्तीसगढ़ में यूरिया की मांग पूरी नहीं कर रही, लेकिन केंद्र सरकार ने मध्यप्रदेश में 70 प्रतिशत यूरिया, उत्तरप्रदेश में 65 प्रतिशत यूरिया की आपूर्ति की. छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार है इसलिए केंद्र सरकार ऐसा रवैया अपना रही है।
चौबे ने कहा कि छत्तीसगढ़ कृषि प्रधान प्रदेश है, लगभग 92 प्रतिशत आबादी कृषि से जीवन यापन करती है। 48 लाख हेक्टेयर खरीफ की खेती होती है, धान, मक्का, दलहन, तिलहन की खेती होती है। इस साल फ सल की उत्पादकता पर केंद्र ने कहा कि किसानों की आय दुगुनी करेंगे, हमारे यहां खरीफ का रकबा बढ़ता जा रहा है, यूरिया, पोटाश, फ ास्फेट, इस प्रकार से 12 लाख मीट्रिक टन हमने उर्वरक की मांग केंद्र से की. केंद्र ने अनुमोदन भी किया, स्वीकार भी. लेकिन आबंटन हमें प्राप्त नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि केंद्र ने स्वयं स्वीकृति दी उसके बाद भी किसानों के लिए हमारी मांग को पूरा नहीं किया. भाजपा के सांसदों से हमने पत्र लिखकर मांग की है कि वे केंद्र से मांग करे, दुर्भाग्य है कि हमें उस पत्र का कोई जवाब नहीं मिला, उन्होंने केंद्र से कुछ मांग की है या नहीं ये भी मुझे जानकारी नहीं है। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार के नजर में सभी प्रदेश एक समान है, फिर छत्तीसगढ़ के सरकार के साथ ही मांग के अनुरूप खाद की आपूर्ति नहीं किया जाना दुर्भाग्यपूर्ण है। पत्रकारवार्ता में प्रदेश कांग्रेस के उपाध्यक्ष गिरीश देवांगन, पूर्व विधायक रमेश वल्र्यानी, मुख्य प्रवक्ता सुशील आनंद शुक्ला, संचार प्रमुख शैलेष नितिन त्रिवेदी, प्रवक्ता नितिन भंसाली, धनंजय ठाकुर आदि उपस्थित थे।